Sumit Ahuja writer of Third Eye Of Indian Politics is an Indian political strategist and tactician
Friday 16 September 2022
राजस्थान के रण में ओवैसी का दम
Tuesday 13 September 2022
शाह की सियासी बिसात में राजस्थान का रण
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान यात्रा की,जहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की राज्य कार्य समिति की बैठक को संबोधित किया इससे एक बात स्पष्ट है पार्टी नेतृत्व राजस्थान मिशन 2023 को बहुत गंभीरता से ले रहा है, क्योंकि राजस्थान कोई छोटा राज्य नहीं है। यह भारतीय राजनीतिक शतरंज की बिसात में मायने रखता ह। भाजपा 2023 में 2013 दोहराना चाहती है, जब भाजपा ने 163 सीटें जीतीं, और 45% वोट मिले और सत्तारूढ़ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) 21 सीटों पर सिमट गई थी जबकि 2018 में भाजपा 38.8 % वोट के साथ 73 सीटे जीत पाई ।मारवाड़ रैल्ली के साथ दिवाली के बाद पूरे राजस्थान में भाजपा सम्मेलन और रैलियां करने का प्लान तैयारी कर रही है ।इन रैलियों और सम्मेलन में पीएम मोदी और नड्डा के आने के की भी संभावना है। लेकिन 2013 दोहराने के लिए भाजपा को राज्य इकाई में अंदरूनी कलह को भी खत्म करनी होगी ।केंद्रीय नेतृत्व भी मिशन 2023 में राज्य इकाई में चल रहे मतभेद को बड़ी रुकावट मान रहा है । और प्रदेश प्रभारी इशारों में संकेत दे चुके हैं कि राजस्थान में भाजपा मोदी के चेहरे को आगे रख विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। इस प्लान में प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं के आपसी मतभेद मिटाने और उन्हें जमीनी स्तर पर काम करने को कहा जाएगा। ऐसा नहीं होने पर अनुशासनहीनता के तौर लिया जाएगा।
पिछले चार वर्षों में, सात विधान सभा उपचुनावों में से, भाजपा छह हार गई। इससे केंद्रीय नेतृत्व नाखुश है और भाजपा की राज्य इकाई में भी बेचैनी है , केंद्रीय नेतृत्व ने सतीश पूनिया को अध्यक्ष नियुक्त किया, लेकिन अब तक ये प्रयोग सफल नहीं हुआ और केंद्रीय नेतृत्व अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहता और दूसरी तरफ राजस्थान में कोई भी इस बात से असहमत नहीं हो सकता कि राजे एक शीर्ष नेता हैं और अमित शाह के दौरे के बाद, ये एक बात स्पष्ट हो गई है कि केंद्रीय नेतृत्व 2023 के विधानसभा चुनाव तक वसुंधरा राजे को नजरअंदाज नहीं कर सकता हालांकि, सीएम फेस को लेकर अमित शाह भी पूरी तस्वीर साफ नहीं कर पाए शयद केंद्रीय नेतृत्व अभी किसी को नाराज रख कर कोई जोखिम नहीं लेना चाहता इसीलिए सभी को एकजुट रखने के लिए अमित शाह ने संकेत दिए हैं कि पार्टी विधानसभा चुनाव 2023 में पीएम मोदी के चेहरे को ही जनता के सामने रखकर वोट मांगेगी।भाजपा ने पहले भी कई राज्यों में सीएम चेहरा घोषित नहीं किया, इसके बावजूद चुनावी सफलता मिली।
केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान में भी उत्तरप्रदेश की तरह दो रणनीति पर काम कर रही है। इसमें पार्टी के पदाधिकारियों से लेकर बूथ कार्यकर्ता और वोटर तक को साधने का प्लान तैयार किया गया है। इसके साथ ही यूपी की तर्ज पर बिना सीएम फेस के ही चुनाव लड़ेगी। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा ही सामने रखा जाएगा। भाजपा के इंटरनल सर्वे व फीडबैक के आधार पर प्रदेश की 200 सीटें तीन कैटेगरी में बांटी है। मोदी-शाह का फोकस 150 सीट पर रहेगा। इसके बावजूद सरकार बनाने के लिए जरूरी 120 सीटें भाजपा उम्मीदवार कैसे जीते, प्लान में यह अहम रहेगा और हो सकता है नतीजों के बाद मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए कोई चौकाने वाला फेंसला आये जैसा की मोदी-शाह की जोड़ी में अक्सर होता आया है।
राजस्थान के रण में ओवैसी का दम
राजस्थान में 2023 के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ( AIMIM )...